Thursday, December 25, 2008

जब से तू ने मुझे दीवाना बना रखा है ... by Hakeem Nasir

जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है
संग हेर शक्स ने हाथों में उठा रखा है

उस क दिल पैर भी कर्री इश्क में गुजरी होगी
नाम जिस ने भी मुहब्बत का सज़ा रक्खा है

पत्थरों आज मेरे सर पेय बरसते क्यूँ हो
मैं ने तुमको भी कभी अपना खुदा रक्खा है

अब मेरी दीद की दुन्या भी तमाशाई है
तू ने क्या मुझको मुहब्बत में बना रक्खा है

पी जा आयाम की तल्खी को भी हंस क नासिर
ग़म को सहने में भी कुदरत ने मज़ा रक्खा है