१. ये न थी हमारी किस्मत के विसाल-ऐ-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता
[ विसाल-ऐ-यार = प्रेमी से मुलाकात ]
२. तेरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना
के खुशी से मर न जाते अगर 'एइताबार होता
[ 'एइताबार = ट्रस्ट/कांफिडेंस ]
३. तेरी नाज़ुकी से जाना की बंधा था 'एहेद_बूडा
कभी तू न तोड़ सकता अगर ऊस्तुवार होता
[ 'एहेद = ओअथ, ऊस्तुवार = फर्म/देतेर्मिनेद ]
४. कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ऐ-नीमकश को
ये खलिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता
[ तीर-ऐ-नीमकश = हलफ द्रवं अर्रोव, खलिश = पैन ]
५. ये कहाँ की दोस्ती है के बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारासाज़ होता, कोई घम्गुसार होता
[ नासेह = कोउन्सल्लोर, चारासाज़ = हेअलेर,
घम्गुसार = स्य्म्पथिजेर ]
६. राग-ऐ-संग से टपकता वो लहू की फ़िर न थमता
जिसे ग़म समझ रहे हो, ये अगर शरार होता
[ राग = नर्वे, संग = स्टोन, शरार = फ्लैश/गलें ]
७. ग़म अगरचे जान_गुलिस है, पे कहाँ बचें के दिल है
ग़म-ऐ-इश्क गर न होता, ग़म-ऐ-रोज़गार होता
[ जान_गुलिस = लाइफ थ्रेअत्निंग ]
८. कहूं किस से मैं के क्या है, शब्-ऐ-ग़म बुरी बाला है
मुझे क्या बुरा था मरना ? अगर एक बार होता
९. हुए मर के हम जो रुसवा, हुए क्यों न घरक-ऐ-दरिया
न कभी जनाजा उठता, न कहीं मजार होता
[ घरक = द्रोवं/सींक ]
१०. उसे; कौन देख सकता की यगाना है वो यकता
जो दूई की बू भी होती तो कहीं दो चार होता
[ यगाना = किन्स्मन, यकता = मत्च्लेस/इन्कोम्पराब्ले, दूई = दुआलिटी ]
११. ये मसाइल-ऐ-तसव्वुफ़, ये तेरा बयान 'घलिब' !
तुझे हम वाली समझते, जो न बाद_ख्वार होता
[ मसाइल = टोपिक्स, तसव्वुफ़ = म्य्स्तिसिस्म, वाली = प्रिन्स/फ्रेंड,
बाद_ख्वार = बूजेर ]
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